Uou Hindi vyakaran AECC-H-101 : important solved questions

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नमस्कार दोस्तों! इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि आप Hindi vyakaran AECC-H-101 प्रश्न पत्र को कैसे आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। अगर आप भी यह सोच रहे हैं कि इस महत्वपूर्ण प्रश्न पत्र की PDF फाइल कहां और कैसे प्राप्त की जाए, तो आप बिलकुल सही जगह पर आए हैं।

कई विद्यार्थी इस सवाल का उत्तर खोज रहे हैं, और आपकी इस समस्या का समाधान करने के लिए हम यहां उपस्थित हैं। सबसे पहले, यह जानना आवश्यक है कि Hindi vyakaran AECC-H-101 प्रश्न पत्र में विभिन्न सेक्शन होते हैं। इन सेक्शनों में आपको परीक्षा की तैयारी के लिए अलग-अलग प्रकार के प्रश्न मिलेंगे। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको प्रत्येक सेक्शन के 10-10 महत्वपूर्ण प्रश्न भी प्रदान करेंगे, जो आपकी परीक्षा की तैयारी में मददगार साबित हो सकते हैं।

लेकिन ध्यान दें, इन महत्वपूर्ण प्रश्नों तक पहुंचने के लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़ना होगा, ताकि आप कोई भी आवश्यक जानकारी मिस न करें। तो चलिए, शुरू करते हैं और जानते हैं कि आप कैसे Hindi vyakaran AECC-H-101 प्रश्न पत्र को डाउनलोड कर सकते हैं और कौन-कौन से प्रश्न आपकी परीक्षा में सहायक साबित हो सकते हैं।

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यह प्रश्न हमने पिछले दो-चार वर्षों के प्रश्न पत्रों से लिए हैं। इनकी तैयारी करना आपके लिए आवश्यक है, क्योंकि इस प्रकार के प्रश्न आपके परीक्षा में आ सकते हैं। इन प्रश्नों को अच्छे से तैयार कर लें, लेकिन इसके साथ-साथ आपको अपनी पुस्तक और अन्य स्रोतों से भी प्रश्नों की तैयारी करनी होगी। विविध प्रश्नों को देखकर ही आप पूरी तैयारी कर पाएंगे।

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संज्ञा और उसके भेद:

संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव का नाम बताता है। इसके भेद हैं:

  • व्यक्ति वाचक: राम, सीता
  • वस्तु वाचक: किताब, पेड़
  • स्थान वाचक: दिल्ली, नदी
  • भाव वाचक: मिठास, खुशी

2. लिंग परिवर्तन के नियम:

लड़का -> लड़की, राजा -> रानी जैसे शब्दों में लिंग परिवर्तन होता है। इसी प्रकार, बाघ -> बाघिन, शेर -> शेरनी।

3. कारक और इसके प्रकार:

कारक वह संबंध है जो संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ होता है। प्रमुख कारक हैं:

  • कर्तृ कारक: राम ने खाया।
  • कर्म कारक: खाना खाया।
  • करण कारक: चाकू से काटा।

4. संधि के प्रकार:

संधि वह प्रक्रिया है जिसमें दो वर्ण मिलकर नया शब्द बनाते हैं। इसके प्रकार हैं:

  • स्वर संधि: देव + आलय = देवालय
  • व्यंजन संधि: विद्या + आलय = विद्यालय
  • विसर्ग संधि: दुःख + हार = दु:खार

5. वाक्य शुद्धि:

गलत वाक्य: मैं स्कूल जायेगा।
शुद्ध वाक्य: मैं स्कूल जाऊँगा।

6. विशेषण और उसके भेद:

विशेषण वह शब्द है जो संज्ञा की विशेषता बताता है। इसके भेद हैं:

  • गुणवाचक: अच्छा लड़का
  • संख्यावाचक: पाँच लड़के

7. समास के प्रकार:

समास वह प्रक्रिया है जिसमें दो शब्द मिलकर नया शब्द बनाते हैं। इसके भेद हैं:

  • तत्पुरुष: राजपुत्र (राजा का पुत्र)
  • बहुव्रीहि: पीतांबर (पीला वस्त्र पहनने वाला)

8. क्रिया के भेद:

क्रिया वह शब्द है जो किसी कार्य को दर्शाता है। इसके भेद हैं:

  • सकर्मक क्रिया: राम ने खाना खाया।
  • अकर्मक क्रिया: राम सोया।

9. तत्सम और तद्भव:

तत्सम: संस्कृत से सीधे लिए गए शब्द (सूर्य)।
तद्भव: संस्कृत से परिवर्तित शब्द (सूरज)।

10. हिंदी भाषा की उत्पत्ति:

हिंदी की उत्पत्ति संस्कृत से हुई और इसका विकास प्राकृत और अपभ्रंश से होता हुआ आधुनिक हिंदी में हुआ। 19वीं शताब्दी में यह राष्ट्रभाषा के रूप में उभरी।

संज्ञा और उसके भेद:

संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव का नाम है। भेद: व्यक्ति वाचक (राम), वस्तु वाचक (किताब), स्थान वाचक (दिल्ली), भाव वाचक (खुशी)।

12. कारक के प्रकार:

कारक क्रिया के साथ संज्ञा या सर्वनाम का संबंध दर्शाता है। प्रमुख प्रकार: कर्ता (राम खाता है), कर्म (खाना खाया), करण (चाकू से काटा)।

13. तत्सम और तद्भव:

तत्सम: संस्कृत से सीधे लिए गए शब्द (सूर्य)।
तद्भव: संस्कृत से परिवर्तित शब्द (सूरज)।

14. संधि के प्रकार:

स्वर संधि: देव + आलय = देवालय
व्यंजन संधि: विद्या + आलय = विद्यालय
विसर्ग संधि: दुःख + हार = दु:खार

5. समास के प्रकार:

तत्पुरुष: राजा + पुत्र = राजपुत्र
बहुव्रीहि: पीतांबर = पीला वस्त्र पहनने वाला

16. वाक्य शुद्धि:

गलत: मैं कल स्कूल जायेगा।
सही: मैं कल स्कूल जाऊँगा।

17. हिंदी भाषा की उत्पत्ति:

हिंदी की उत्पत्ति संस्कृत से हुई, प्राकृत और अपभ्रंश के माध्यम से इसका विकास हुआ।

18. विशेषण के भेद:

गुणवाचक (अच्छा लड़का), संख्यावाचक (पाँच लड़के), परिमाणवाचक (थोड़ा पानी)।

19. लिंग परिवर्तन के नियम:

राजा -> रानी, शेर -> शेरनी, वीर -> वीरता।

20. क्रिया के भेद:

सकर्मक (खाना खाया), अकर्मक (सोया), सहायक (पढ़ रहा है)।

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1. पूर्वी हिंदी की प्रमुख बोलियां पर टिप्पणी लिखिए?

पूर्वी हिंदी की प्रमुख बोलियाँ:

  1. अवधी: उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में बोली जाती है। तुलसीदास की रामचरितमानस ने इसे साहित्यिक ख्याति दी है।
  2. बघेली: मध्य प्रदेश के बघेलखंड में बोली जाने वाली बोली, जिसमें लोकगीतों और गाथाओं की समृद्ध परंपरा है।
  3. छत्तीसगढ़ी: छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख बोली, जिसमें लोकगीत, लोकनाट्य और कहानियों का विशेष स्थान है।
  4. बज्जिका: बिहार के तिरहुत क्षेत्र की बोली, जो ग्रामीण जीवन और परंपराओं से जुड़ी है।
  5. मैथिली: बिहार और नेपाल में बोली जाने वाली बोली, जिसे विद्यापति की रचनाओं ने साहित्यिक पहचान दिलाई।

2. हिंदी भाषा के उत्पत्ति और विकास पर प्रकाश डालिए?

हिंदी की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है। प्राचीन काल में संस्कृत से प्राकृत और फिर अपभ्रंश भाषाओं का विकास हुआ। अपभ्रंश से ही 10वीं शताब्दी के आसपास हिंदी का जन्म हुआ। 19वीं शताब्दी में हिंदी का आधुनिक रूप विकसित हुआ, और 20वीं शताब्दी में यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्रीय भाषा के रूप में उभरी। हिंदी ने साहित्य, सिनेमा और मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया और आज यह भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है।

3. हिंदी की उपभाषा एवं बोलिया का परिचय दीजिए?

खड़ीबोली,अवधी

4. भाषा और बोली में अंतर स्पष्ट कीजिए?

भाषा: एक व्यवस्थित और मानक संचार प्रणाली है, जैसे हिंदी। इसका प्रयोग शिक्षा, साहित्य, और सरकारी कार्यों में होता है।

बोली: भाषा की उपभाषा या क्षेत्रीय विविधता है, जैसे अवधी और बघेली। यह विशेष क्षेत्र या समुदाय में बोली जाती है और आधिकारिक मान्यता नहीं होती।

5. भाषा को परिभाषित करते हुए हिंदी भाषा के इतिहास पर प्रकाश डालिए?

भाषा की परिभाषा: भाषा एक व्यवस्थित प्रणाली है जिसमें ध्वनियों, शब्दों और व्याकरण के नियमों के माध्यम से विचार और भावनाओं को व्यक्त किया जाता है।

हिंदी भाषा का इतिहास: हिंदी की उत्पत्ति संस्कृत से हुई। प्राचीन काल में संस्कृत से प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओं का विकास हुआ। 10वीं शताब्दी में हिंदी का जन्म हुआ और 19वीं शताब्दी में यह आधुनिक रूप में विकसित हुई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदी ने राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त किया।

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