polyhouse kaise banaye : नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि पूरा भारत कृषि संपन्न देश बन चुका है, ऐसे में भारत कृषि के क्षेत्र में भी अलग-अलग Technology का इस्तेमाल कर रहा है, उसमें से सबसे ज्यादा चर्चित में भारत का पोली हाउस है पॉलीहाउस एक ऐसा उपकरण है जिसमें आप किसी भी मौसम में अपनी फसल को बिल्कुल आसानी से तैयार कर सकते हैं, और फसल भी ऑर्गेनिक तरीके से तो आइये आज हम जानते हैं, कि आप अपने घर में किस प्रकार से अपना खुद का पॉलीहाउस बना सकते हो, तो दोस्तों आपको अपना पॉलीहाउस बनाने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना होगा तभी जाकर आप अपना घर में पॉलीहाउस बना सकते हैं।
पॉलीहाउस क्या है?
पॉलीहाउस एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो आजकल भारत में बिल्कुल चर्चित का विषय बनी हुई है, पॉलीहाउस में किसी भी सब्जी या पौधे को एक पारदर्शी प्लास्टिक या पॉलीथिन शीट के अंदर उगाया जाता है, इस प्लास्टिक के अंदर आप किसी भी मौसम में किसी भी तरह की सब्जियां, फूलों, फलों, को उगा सकते हैं, इस पॉलीहाउस की सबसे बड़ी खासियत होती है कि जो सब्जी बाहर एक महीने में तैयार होती है वह पॉलीहाउस के अंदर 15 दिनों में तैयार होकर आ जाती है, तो चलिए आज हम जानते हैं आप किस प्रकार से अपने घर में अपना खुद का पॉलीहाउस बना सकते हो।
पॉलीहाउस बनाने की विधि (Polyhouse kaise banaye)
स्थान का चयन:
- एक ऐसा स्थान चुनें जहाँ अच्छी धूप आती हो और जल निकासी की सुविधा हो।
- स्थल समतल और जल स्रोत के पास हो।
डिजाइन और आकार:
- पॉलीहाउस के आकार और डिजाइन का चयन करें। आमतौर पर, पॉलीहाउस का आकार 1000 वर्ग मीटर से लेकर 4000 वर्ग मीटर तक होता है।
- डिजाइन में वेंटिलेशन, दरवाजे, और हवा की निकासी के प्रबंध का ध्यान रखें।
सामग्री का चयन:
- फ्रेम के लिए गैल्वेनाइज्ड आयरन पाइप या पीवीसी पाइप का उपयोग करें।
- कवरिंग के लिए यूवी स्थिर पॉलीथिन शीट का चयन करें जो कम से कम 200 माइक्रोन मोटी हो।
फ्रेम का निर्माण:
- स्थल को समतल करने के बाद, फ्रेम का निर्माण करें।
- फ्रेम को मजबूत और स्थिर बनाएं ताकि वह किसी भी मौसम में स्थिर रहे।
कवरिंग का काम:
- फ्रेम पर पॉलीथिन शीट को सावधानीपूर्वक फैलाएं।
- शीट को अच्छी तरह से खींचकर और बांधकर सुनिश्चित करें कि कोई छिद्र या खुला स्थान न हो।
वेंटिलेशन और छाया :
- गर्मियों में तापमान नियंत्रित करने के लिए वेंटिलेशन के प्रबंध करें।
- छाया के लिए नेट का उपयोग करें ताकि पौधों को अत्यधिक धूप से बचाया जा सके।
सिंचाई और जल निकासी:
- ड्रिप इरिगेशन सिस्टम स्थापित करें ताकि पानी की बचत हो और पौधों को आवश्यकतानुसार पानी मिले।
- जल निकासी के लिए उचित प्रबंध करें ताकि पानी ठहराव न हो।
मिट्टी और पौधारोपण:
- मिट्टी की जांच कर उसे पौधारोपण के लिए तैयार करें।
- अच्छी गुणवत्ता के बीज और पौधों का चयन करें और सही दूरी पर पौधारोपण करें।
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पॉलीहाउस के फायदे
पॉलीहाउस बनाने की बहुत प्रकार के फायदे हैं।
सबसे पहला फायदा: पॉलीहाउस के अंदर आप किसी भी मौसम में अपनी फसल को तैयार कर सकते हैं।
दूसरा फायदा: पॉलीहाउस में आप अपनी फसल को जल्दी से जल्दी तैयार कर सकते हो।
तीसरा फायदा: पोली हाउस में ऑर्गेनिक तरीके से फसल का उत्पादन होता है।
चौथा फायदा: पॉलीहाउस में ड्रिप इरिगेशन प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जिससे पानी की बचत होती है।
पांचवा फायदा: रासायनिक उपयोग में कमी: नियंत्रित वातावरण के कारण कीट और बीमारियों की संभावना कम होती है, जिससे रासायनिक दवाओं का उपयोग भी कम हो जाता है।
पॉलीहाउस खेती किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। यह न केवल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है बल्कि फसलों की गुणवत्ता भी सुधारती है। सही जानकारी और थोड़े से प्रयास से कोई भी किसान पॉलीहाउस बनाकर अपने खेती के अनुभव को और भी सफल बना सकता है। यदि आप भी खेती में नए आयाम स्थापित करना चाहते हैं, तो पॉलीहाउस खेती की ओर कदम बढ़ाएं और इसके लाभों का अनुभव करें।
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